लखनऊ। पावर कॉपोर्रेशन अपने उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी बिजली कंपनियां प्रस्ताव तैयार कर रही है। इस बार 15 अगस्त से पहले यह प्रस्ताव फाइल कर दिया जाएगा। इसमें नियामक आयोग के सामने कंपनियां बिजली बिल बढ़ोतरी को लेकर प्रस्ताव बनाएंगी। पावर कॉपोरेशन के निदेशक वाणिज्य ने सभी बिजली कंपनियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि यह प्रस्ताव जून 2023 के बढ़ोतरी, डिमांड और सप्लाई के हिसाब से भेजा जाएगा। यूपी में बिजली के 3 करोड़ 28 लाख उपभोक्ता है। काफी सालों बाद ऐसा होने जा रहा है कि बिजली बिल बढ़ोतरी का प्रस्ताव कंपनियां अगस्त के महीने में ही फाइल कर रही हैं। आमतौर पर पहले यह प्रस्ताव दिसंबर या जनवरी के महीने में दिया जाता रहा है। हालांकि इस बार जनवरी में दिया गया प्रस्ताव खारिज हो गया था। इसके खिलाफ कंपनियां पहले ही दिल्ली के आयोग में प्रत्यावेदन दे चुकी हैं। ऐसे में अब आयोग में एक और प्रस्ताव लाने का मतलब है कि बिजली बिल बढ़ाने को लेकर शासन स्तर पर भी तैयारी तेज कर दी गई है। यूपी के अंदर बिजली दर पिछले चार साल से नहीं बढ़ा है। आयोग में लगातार प्रस्ताव भी की जाती हैं। खारिज होता रहा है। हालांकि कोविड के दौरान दो साल तक बिजली बिल बढ़ाने का सवाल नहीं उठ रहा था लेकिन उसके बाद भी बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज किया जाता रहा है। अगस्त के महीने में प्रस्ताव देने के पीछे दी है। पावर कॉरपोरेशन के निर्देशक वाणिज्य ने हवाला दिया है कि अक्सर प्रक्रिया में देरी की वजह से बिजली कंपनियों पर अर्थदंड लगाया जाता है। साथ ही दूसरी कटौतियां भी की जाती हैं
जानकारों का कहना है कि कॉपोरेशन के इस कदम को जल्द बिजली दरें बढ़ाने का प्रयास मान रहे हैं। कंपनियों के खिलाफ उपभोक्तापरिषद ने भी अपनी तैयारी शुरू कर कर दी गई है उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि इसके खिलाफ वह भी प्रत्यावेदन दाखिल करेंगे। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अगर बिजली कंपनियां 15 अगस्त तक बिजली दर बढ़ोतरी प्रस्ताव दायर करती हैं तो उपभोक्ता परिषद इसका विरोध करेगा।