विपक्षी एकता की कवायद और एनसीपी में फूट के बीच शरद पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया. पुणे में होने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में शरद पवार भी पहुंचे हैं. हालांकि, पुरस्कार ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी दीपक तिलक के हाथों दिया जाता है ।
विपक्षी एकता की कवायद और एनसीपी में फूट के बीच शरद पवार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया. पुणे में होने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में शरद पवार भी पहुंचे हैं. हालांकि, पुरस्कार ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी दीपक तिलक के हाथों दिया जाता है.
यह पहला ऐसा मौका होगा, जब अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार और पीएम मोदी किसी कार्यक्रम में एक साथ मंच साझा किया. पहले अटकलें थीं कि शरद पवार इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. हालांकि, शरद पवार ने कार्यक्रम में आने के लिए हामी भरी थी
सहयोगियों की अपील को दरकिनार कर शरद पवार ने पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया. दरअसल, तिलक स्मारक के इस पुरस्कार की घोषणा के बाद से कांग्रेस नाखुश है. इसके बावजूद शरद पवार विपक्षी एकता के एजेंडे से अलग चलते दिखे. विपक्षी दलों की दो बार की हुई बैठक के बाद जहां एक नाम I.N.D.I.A तय हुआ है और सभी इसके बैनर तले आए हैं, तो वहीं शरद पवार ताजा बने इस संगठन की मूल भावना से परे जाकर उस समारोह का हिस्सा बने, जिसमें पीएम मोदी को सम्मानित किया गया.
अजित पवार भी हुए कार्यक्रम में शामिल
इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, शरद पवार के अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़नवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे मौजूद रहे. यानी कि चाचा से बगावत के बाद किसी सार्वजनिक कार्यक्रम के मंच पर पहली बार शरद पवार और अजित पवार आमने-सामने आए. हालांकि, अजित पवार ने शरद पवार से नजरें नहीं मिलाईं. वे शरद पवार के पीछे-पीछे चलते नजर आए.
शिंदे सरकार में शामिल हुए अजित पवार
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने 2 जुलाई को अपने चाचा के साथ बगावत कर दी थी. इसके बाद वे शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और बीजेपी की सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. इसके अलावा 8 और विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली थी.
क्या है लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. आयोजकों ने कहा कि यह पुरस्कार उनके सर्वोच्च नेतृत्व को मान्यता देता है, जिसके तहत भारत प्रगति की सीढ़ियां चढ़ गया है. लोकमान्य तिलक की पुण्य तिथि के अवसर पर हर साल ये पुरस्कार दिया जाता है. लोकमान्य तिलक भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं. पीएम मोदी यह अवार्ड पाने वाले 41वें व्यक्ति हैं. इससे पहले ये अवार्ड इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, शरद पवार, राहुल बजाज, साइरस पूनावाला, मनमोहन सिंह मिल चुका है.