MP Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने शेष है। चुनाव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एमपी के दौरे कर रहे हैं। बुधवार को गृह मंत्री शाह ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के रोडमैप पर चर्चा करने के लिए भोपाल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई बैठकें कीं। घटनाक्रम से परिचित एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि शाह बंद बैठकों में संगठनात्मक ताकत, आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों और सत्ता विरोधी लहर का जायजा ले रहे हैं। शाह ने केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, अश्विनी वैष्णव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की।
बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों के बीच मतभेद और आंतरिक कलह की अटकलों के बीच, पार्टी नेता ने कहा कि शाह राज्य यूनिट को एकजुट अभियान चलाने के निर्देश दे रहे हैं। बीजेपी के एक अन्य नेता ने कहा, “2018 में, भाजपा राज्य में एक संगठन के रूप में मजबूत थी और नेताओं के बीच एकता थी लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से अलग है। ऐसे कई नेता हैं, जो आपस में लड़ रहे हैं और शीर्ष नेतृत्व से शिकायत कर रहे हैं। इससे जनता के बीच अंदरूनी कलह का गलत संदेश जा रहा था, इसलिए केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव अभियान का नेतृत्व करने का फैसला किया है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah जी के भोपाल आगमन पर मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp ने स्टेट हेंगर पर उनका स्वागत किया। pic.twitter.com/oWn83blGxr
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) July 26, 2023
बीजेपी नेता ने बताया, “केंद्रीय गृह मंत्री ने अभियान के लक्ष्यों को 15 दिनों के भीतर पूरा करने और पहले संगठन को मजबूत करने का लक्ष्य दिया है। साफ संदेश दिया गया है कि संगठन के स्तर के साथ-साथ सरकार में भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अपने पहले दौरे पर शाह ने चुनाव अभियान के बारे में उनकी योजना जानने के लिए भाजपा के विभिन्न विंगों की प्रेजेंटेशन देखी।” मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव नवंबर में होंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाल में कई अहम घोषणाएं भी की हैं, जिससे उन्हें यकीन है कि वे फिर से सत्ता में वापसी करेंगे। वहीं, कांग्रेस राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व में शिवराज सरकार को हटाने की पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है।
राजनीतिक विश्लेषक दिनेश गुप्ता का कहना है कि शीर्ष नेताओं के बीच लड़ाई की खबरें लगातार आ रही थीं। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश भाजपा के पास कोई ऐसा नेता नहीं है जो गुटबाजी के कारण सभी को स्वीकार्य हो । केंद्रीय नेतृत्व का दखल बढ़ने के पीछे यही बड़ी वजह है। इसके पीछे लोकसभा चुनाव भी एक कारण है।” वहीं, बीजेपी प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने कहा, “कांग्रेस के विपरीत, हम केंद्र से राज्य तक एक संगठन के रूप में काम कर रहे हैं। हम विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनावों के लिए भी एक साथ अभियान चला रहे हैं और यही कारण है कि केंद्रीय नेताओं के साथ नियमित रूप से चर्चा हो रही है। हम एकजुट होकर काम करेंगे।”