कई बार अतीक अहमद पर शिकंजा कसने और उमेश पाल की हत्या में शामिल बदमाशों के एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार की तारीफ भी कर चुकी हैं। उस दौरान पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी।
कभी अतीक अहमद जैसे माफिया को चुनावी जंग में मात देने वालीं पूजा पाल भाजपा में शामिल हो सकती हैं। फिलहाल वह सपा की विधायक हैं, लेकिन उमेश पाल की हत्या और फिर अतीक अहमद एवं उसके भाई अशरफ के मारे जाने के बाद से वह लगातार चर्चा में हैं। कई बार अतीक अहमद पर शिकंजा कसने और उमेश पाल की हत्या में शामिल बदमाशों के एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार की तारीफ भी कर चुकी हैं। उस दौरान पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाक भी की थी। अब चर्चा जोरों पर है कि वह भाजपा में शामिल हो सकती हैं। वह पाल समुदाय की एक सशक्त महिला नेता के तौर पर जानी जाती हैं, जिनके पति की अतीक अहमद ने हत्या करा दी थी।
भाजपा को लगता है कि उन्हें पार्टी में लेकर वह गुंडाराज के खिलाफ ऐक्शन और ओबीसी समुदाय को न्याय दिलाने के नाम पर बढ़त पा सकती है। इन दिनों अखिलेश यादव को झटका देने की कोशिश में जुटी भाजपा लगातार ओबीसी नेताओं पर नजर गड़ाए हुए हैं। हाल ही में ओबीसी नोनिया चौहान समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दारा सिंह चौहान भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। अब पूजा पाल की चर्चा जोरों पर है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि पूजा पाल को प्रयागराज लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बना सकती है। खबर है कि दारा सिंह चौहान की तरह ही वह भी विधानसभा की सदस्यता को छोड़कर भाजपा में आ सकती हैं।
सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद पर शिकंजा कसे जाने के बाद से ही पूजा पाल भाजपा के ज्यादा करीब हैं। वह इस मामले में अखिलेश यादव के रवैये से असहज हैं। सपा में आने से पहले पूजा पाल बसपा से ही विधायक बनी थीं। उनके पति राजू पाल भी बसपा से ही जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, जिससे खफा अतीक अहमद ने उनकी हत्या करा दी थी। राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को मात दी थी। हालांकि पूजा पाल का भी राजनीतिक अतीक के ही मुकाबले में खड़ा हुआ और 2007 में वह प्रयागराज दक्षिण सीट से ही जीतीं, जहां कभी राजू पाल जीते थे। उन्होंने अतीक अहमद को मात देकर चुनाव में विजय हासिल की थी
पूजा पाल कर रहीं इनकार, फिर भी हैं पालाबदल के आसार
पूजा पाल को 2017 में भाजपा के हाथों हार झेलनी पड़ी थी और फिर 2022 में वह सपा के टिकट पर लड़ीं तो जीत गईं। अब वह भाजपा में ही आना चाहती हैं। पाल समुदाय का बड़ा हिस्सा भाजपा को वोट करता रहा है, लेकिन पूजा पाल के जरिए भाजपा को वोटबैंक और मजबूत होने की उम्मीद है। प्रयागराज, कौशांबी और प्रतापगढ़ जिलों में पाल समुदाय की अच्छी खासी आबादी भी हैं। हालांकि भाजपा में शामिल होने के कयासों से पूजा पाल ने इनकार किया है और कहा है कि वह सपा में ही हैं। फिर भी कयास तेज हैं और कोई भी नेता अपने अगले कदम का यूं खुलासा भी तो नहीं करता। ऐसे में पूजा पाल यदि कुछ दिनों में भाजपा का हिस्सा बन जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।