संस्कार उजाला
संवाददाता माधव कुमार
गाजियाबाद नगर निगम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मेयर सुनीता दयाल और नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के बीच खटास बरकरार है। यही कारण है कि मेयर ने बोर्ड बैठक की तारीख दी और नगरायुक्त के शहर के बाहर चले जाने की खबर ने उन्हें तारीख हटाने को मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं मेयर ने मुख्यमंत्री और भाजपा के बड़े नेताओं को पत्र लिखकर कहा है कि नगर निगम अधिकारी मनमानी करने और अवैध तरीके से शहर की जनता पर संपत्ति कर थोपने के लिए आमादा हैं। डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर रोपित कर नोटिस भेजे जा रहे हैं, शहर में एनाउंसमेंट कराया जा रहा है। इससे से शहर की जनता डरी हुई है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में मेयर की लाचारी साफ झलक रही है।
बोर्ड की स्वीकृति के बिना नहीं बढा सकते संपत्ति कर
मेयर ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि नीतिगत फैसले लेने का अधिकार नगर निगम बोर्ड को है। बिना बोर्ड की स्वीकृति प्राप्त किए संपत्ति कर नहीं बढाया जा सकता। वैसे भी नगर निगम अधिनियम के मुताबिक दो साल में एक बार ही संपत्ति कर में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। जनवरी, 2023 में बढ़ाया गया संपत्ति कर अप्रैल, 2023 से लागू हुआ था, जो दो वर्षों तक यथावत रहेगा, लेकिन नगरायुक्त मनमानी पर उतारू हैं और डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर रोपित किए जाने के लिए आमादा हैं। नगरायुक्त के आदेश पर शहर में नियमों को ताक पर रखकर संपत्ति कर की वसूली की जा रही है।, जिससे शहर की जनता में भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है।
17 को चुनाव, 18 को बोर्ड बैठक
मेयर ने कहा कि जुलाई में इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। बोर्ड का कोरम पूरा करने के लिए पहले नगर कार्यकारिणी के छह सदस्यों को चुनाव होना था, हंगामें के चलते चुनाव नहीं हो पाया। 13 सितंबर को फिर बोर्ड बैठक का प्रस्ताव था लेकिन मेयर ने संपत्ति कर पर चर्चा के लिए फिर 18 सितंबर को बोर्ड बैठक प्रस्तावित कर दी है। उससे पहले 17 सितंबर को नगर निगम कार्यकारिणी के छह सदस्यों का चुनाव होगा।
मेयर ने लोनी विधायक से मिलाई लय
मेयर सुनीता दयाल ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में भाजपा के लोनी विधायक नंदकिशोर गुजर्र से लय मिलाती नजर आईं। उन्होंने लिखा है कि गाजियाबाद में केंद्र और प्रदेश की सरकार के विरुद्ध माहौल बनाया जा रहा है। बता दें कि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी अधिकारियों पर सरकार के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते रहे हैं। मेयर ने लिखा है कि नगरायुक्त बोर्ड को अवगत करा चुके हैं कि संपत्ति कर की दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, लेकिन इसके बावजूद बढ़ी दरों पर टैक्स वसूली की जा रही है। अधिकारियों का यह हाल तब है जब मंत्री, सांसद, विधायक और पार्षद सब एक मत से टैक्स बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं।
उप- चुनाव में पार्टी विरोधी माहौल की बात कही
मेयर सुनीता दयाल की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और नगर निगम अधिकारियों की मनमानी से गाजियाबाद में प्रस्तावित विधाानसभा उप-चुनाव में पार्टी विरोधी माहौल बन सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री और संगठन के पदाधिकारी मामले में हस्तक्षेप कर गाजियाबाद में पार्टी की स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए हस्तक्षेप करें। बता दें कि सुनीता दयाल निर्वाचित मेयर होने के अलावा भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। इतना सब होने के बाद भी उनकी लाचारी सूबे में सब कुछ ठीक न चलने के संकेत देती है।